एनएपीएम के मुद्दा आधारित सम्मेलन में मेधा पाटकर ने प्राकृतिक संसाधनों की लूट एवं इनके निजीकरण पर उठाए सवाल।

एनएपीएम के मुद्दा आधारित सम्मेलन में मेधा पाटकर ने प्राकृतिक संसाधनों की लूट एवं इनके निजीकरण पर उठाए सवाल।



बांद्राभान (मध्य प्रदेश)


समता, मानवता, न्याय, नैतिकता के आधार पर राजनीतिक दलों से समन्वय बनाकर प्रकृति, संस्कृति का संरक्षण करने हेतु संघर्ष का ऐलान - मेधा पाटकर



जलवायु परिवर्तन का प्रभाव, कारण और निवारण हेतु जन जागरण व संघर्ष करने की जरूरत -  प्रफुल्ल दा।



नर्मदापुरम


जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय (एन ए पी एम) के मुद्दों जल, जंगल, जमीन, विस्थापन, विकास, संघर्ष निर्माण अधारित सम्मेलन के सत्र में सामूहिक चर्चा की गई, जिसमें एन ए पी एम के मेधा पाटकर ने सदन में आये सुझाव, राजनीतिक दलों से समन्वय, मैदानी एवं कानूनी संघर्ष आदि मुद्दों पर लंबी चर्चा के बाद सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया। महेंद्र यादव, अमूल्य निधि, मीरा बहन, किरण देव यादव, योगेश, राहुल यादुका, इंद्रदेव यादव, चित्रांगदा, अनुराधा, राजकुमार सिन्हा, गोपाल राठी, रामप्रसाद कजले शारदा जी , राजेन्द्र, सुरेखा दलवी आदि सुझावों को प्रस्ताव में शामिल किया गया।


प्रस्ताव में समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों से समन्वय बनाकर संघर्ष तेज करने एवं समता, मानवता, न्याय, नैतिकता के आधार पर प्रकृति, संस्कृति के संरक्षण हेतु संघर्ष तेज करने का मजबूती से पहल करने का आव्हान किया गया।


जलवायु परिवर्तन विषय पर गोल्डमेन अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित प्रफुल्ल सामंतरा ने विस्तार से जलवायु परिवर्तन के कारण, प्रभाव व निदान पर चर्चा की।


विभिन्न मुद्दों पर पूरे देश में रचनात्मक, आंदोलनात्मक, सृजनात्मक संघर्ष तेज करने का आह्वान किया गया। इस दौरान राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अनेक गतिविधियां प्रस्तावित की गई।


अमूल्य निधि ने बताया कि एन ए पी एम ने  राजस्थान  में हाल ही में पारित स्वास्थ्य अधिकार कानून का स्वागत करते हुए इसे राष्ट्रीय स्तर का कानून बनाकर पूरे देश में लागू करने की मांग की गई।


साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर नदी घाटी मंच का गठन किया गया जिसमें राजकुमार सिन्हा ,  किरण देव यादव और इंद्रदेव यादव सहित 5 सदस्यीय राष्ट्रीय कमेटी का गठन किया गया।


इसके बाद नर्मदापुरम शहर के पीपल चौक में आयोजित सभा में नफरत की राजनीति और प्राकृतिक संसाधनों की लूट पर रोक लगाने की मांग की गई। सभा मे वक्तायो ने बताया कि रास्ट्रीय स्तर पर संघर्ष को मजबूत करेंगे और जल जंगल जमीन को बचाएंगे । सभा मे केरल के साथिये ने संघर्ष गीत भी गाये । सभा को पर्यावरणविद प्रफुल्ल सामन्तरा, किरण देव जी  (बिहार),  बिद्युत सैकिया (आसाम),  मीरा संघमित्रा, केरल से गोमती जी , मध्य प्रदेश से प्रो उत्पल, होसंगबाद से चन्द्र गोपाल मलैया ,  फागराम , राजेन्द्र गढ़वाल , मेधा पाटकर, राजकुमार सिन्हा, आराधना भार्गव   आदि ने सम्बोधित किया।


राजकुमार सिन्हा, अमूल्य निधि , मुकेश भगोरिया, गोपाल राठी

9425311547/ 9826811982

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