बिहार में विराट रामायण मंदिर के लिए 33 फीट का शिवलिंग लाया जा रहा हैं।
बिहार के पूर्वी चम्पारण जिले के चकिया में निर्माणाधीन विराट रामायण मंदिर के लिए 33 फीट ऊंचा और 33 फीट चौड़ा, 210 मीट्रिक टन वजनी ग्रेनाइट पत्थर का शिवलिंग बनकर तैयार हो गया है। तीन करोड़ में इसका निर्माण तमिलनाडु के महाबलीपुरम के पट्टीकाडु गांव में दस वर्षों से हो रहा था। सड़क मार्ग से 96 चक्का वाला ट्रक शुक्रवार को शिवलिंग लेकर बिहार के लिए चल दी है। शिवलिंग का निर्माण कंपनी के विनायक वेंकटरमण ने बताया कि फरवरी 2026 तक यह शिवलिंग विराट रामायण मंदिर में स्थापित हो जाएगा। शिवलिंग को महाबलीपुरम से पूर्वी चंपारण स्थित मंदिर परिसर में पहुंचने में 20 से 25 दिन का समय लगने की उम्मीद है।
रास्ते में कई शहरों में श्रद्धालु शिवलिंग के दर्शन कर सकेंगे। आचार्य किशोर कुणाल के पुत्र और बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के सदस्य सायण कुणाल के मुताबिक हर संभव कोशिश की जा रही है कि मंदिर का निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा के तहत पूरा कराया जा सके। सबसे बड़ा शिवलिंग : दावा किया जा रहा है कि यह देश में किसी भी मंदिर में स्थापित होने वाला सबसे बड़ा शिवलिंग है। विराट रामायण मंदिर का प्रवेश द्वार, गणेश स्थल, सिंह द्वार, नंदी, शिवलिंग, गर्भ गृह का पाइलिंग (नींव) आदि का काम पूरा हो गया है। मंदिर 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा। इसमें कुल 18 शिखर और 22 मंदिर होंगे और मुख्य शिखर की ऊंचाई 270 फीट,चार शिखर की ऊंचाई 180 फीट, एक शिखर की ऊंचाई 135 फीट, आठ शिखर की ऊंचाई 108 फीट और एक शिखर की ऊंचाई 90 फीट होगी।
इस रास्ते पहुंचेगा शिवलिंग : महाबलीपुरम, होसुर, होसाकोट, देवनाहाली, कुरनुल, हैदराबाद, निजामाबाद, अदिलाबाद, नागपुर, सीवनी, जबलपुर, मैहर, सतना, रीवा, मिर्जापुर, आरा, छपरा, मसरख, मोहम्मदपुर, केसरिया, चकिया (विराट रामायण मंदिर)।


