खगड़िया जिला का 42 वां स्थापना दिवस पर क्या खोया क्या पाया ? समीक्षा करने की जरूरत - किरण देव यादव

खगड़िया जिला का 42 वां स्थापना दिवस पर क्या खोया क्या पाया ? समीक्षा करने की जरूरत - किरण देव यादव



मक्का केला दूध आधारित फैक्ट्री लगाने की सख्त जरूरत


43 वा स्थापना वर्ष का नई विकास की ऊंचाइयों को छूने की टास्क के साथ स्वागत


खगड़िया

देश बचाओ अभियान के संस्थापक अध्यक्ष सह बिहार प्रदेश पंच सरपंच संघ के खगड़िया जिला अध्यक्ष किरण देव यादव ने खगड़िया जिला का 42 वीं स्थापना दिवस पर हार्दिक बधाई शुभकामना दिया है।

इस अवसर पर विगत 42 वर्षों में खगड़िया जिला में क्या खोया क्या पाया की समीक्षा करने की जरूरत है।

श्री यादव ने कहा कि खगड़िया जिला अकबर के शासन काल में राजा टोडरमल ने इस क्षेत्र को यातायात विहीन सुविधा विहीन जंगल नदी के कारण सर्वे नहीं कर पाने के वजह से अपने शासन क्षेत्र से फर्क कर दिया, समय के अंतराल में यह क्षेत्र फरकिया कहलाया। आज भी फरकिया विकास से वंचित है। खगड़िया की ऐतिहासिक धरती स्वर्णिम अतीत का काला वर्तमान अभी भी बनी हुई है। कमोबेश विकास हुआ, विकास के नाम पर भवन एवं सड़क काले चेहरे पर पाउडर के समान दिख रहा है किंतु एक अदना सा सड़क जिला मुख्यालय का मेन रोड पूर्वी केबिन ढाला से लेकर राजेंद्र चौक स्टेशन चौक मालगोदाम रोड बस स्टैंड, पश्चिमी केबिन ढाला तक बरसों से सड़क जर्जर है। सड़क में गड्ढा नाला है या नाला गड्ढा में सड़क है कहना मुश्किल है। मां कात्यायनी स्थान को आज तक पर्यटन का दर्जा नहीं मिला। एशिया में खगड़िया मक्का उत्पादन में अब्बल है बावजूद मक्का केला दूध आधारित फैक्ट्री का निर्माण नहीं हो पाया। जबकि खगड़िया जिला के ही उद्योग मंत्री हैं। प्रिस्टाइन कंपनी द्वारा फैक्ट्री निर्माण के नाम पर मात्र सरकारी खजाना को लूटने हेतु गोदाम कोल्ड स्टोर बनाकर मक्का आधारित फैक्ट्री निर्माण का ढिंढोरा पीट रहा है। 

शिक्षा स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार की जरूरत है। रोजगार के अभाव के कारण फरकिया क्षेत्र के लाखों मजदूर दूसरे राज्य पलायन करते हैं। जिले में हत्या बलात्कार लूट खसोट भ्रष्टाचार चोरी बैंक डकैती छिनतई भ्रूण हत्या अंधविश्वास भेदभाव फर्जी मुकदमा नौकरशाही तानाशाही चरम पर है।

पूर्व जिलाधिकारी डॉ आलोक रंजन घोष के नेतृत्व में नीति आयोग द्वारा आकांक्षा योजना के अंतर्गत कुछ बेहतर कार्य के मद्देनजर जिले को सम्मान प्रतिष्ठा प्रशंसा पत्र मिला किंतु विभिन्न क्षेत्रों में समुचित विकास की जरूरत है। आज भी विकसित विकासशील जिला के बजाय पिछड़ा जिला खगरिया कहलाता है। दलित शोषित पीड़ित वंचित गरीब को समुचित न्याय के साथ विकास एवं मुख्यधारा से जोड़ने की जरूरत है। महत्वाकांक्षी रेल परियोजना खगड़िया से कुशेश्वरस्थान तक 2015 तक रेल चालू होना था किंतु आज तक आधी दूरी अलौली तक भी रेल चालू नहीं हो सका। अब चालू होगा, तब चालू होगा,, का लॉलीपॉप बयान अखबारबाजी किया जाता रहा है।

श्री यादव ने जिले के 43 वा स्थापना वर्ष में जिले के कमियों कमजोरियों को पाट कर विकसित जिला की ओर आपसी सहयोग के साथ कदम बढ़ाने की आम जनता प्रशासन एवं सरकार से अपील किया।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.