मनुवादी संप्रदायिक कॉरपोरेट्स फासीवाद के खिलाफ सम्मान हिस्सेदारी व बराबरी के सवाल को लेकर बहुजन संसद का हुआ आयोजन।
नवगछिया भागलपुर।
मनुवादी-सांप्रदायिक-कॉरपोरेट फासीवाद के हमले के खिलाफ सम्मान,हिस्सेदारी व बराबरी के लिए सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के बैनर तले नवगछिया के आनंद निलय भवन में बहुजन संसद आयोजित हुआ।
इस मौके पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो.डॉ.सुभाष चन्द्र ने कहा कि देश के प्राकृतिक संसाधनों और सरकारी संपत्तियों-रेल,सेल,बैंक,बीमा,हवाई अड्डे-सड़क सहित सार्वजनिक क्षेत्रों को कॉरपोरेटों के हवाले करने और शिक्षा-स्वास्थ्य के निजीकरण के जरिए बहुजनों को गरीबी-बदहाली में धकेला जा रहा है.महंगाई-बेरोजगारी की ज्यादा मार भी बहुजनों पर ही पड़ती है.नरेन्द्र मोदी सरकार घोर बहुजन विरोधी है।
दिल्ली से आए पत्रकार-लेखक डॉ.सिद्धार्थ रामू ने कहा कि जो भाजपा के साथ हैं,वे महात्मा फुले-डॉ.अंबेडकर के साथ नहीं हो सकते.बहुजन विचारधारा,बहुजन एजेंडा और बहुजन नेतृत्व के जरिए ही भाजपा-आरएसएस को निर्णायक शिकस्त दिया जा सकता है.
डॉ.विलक्षण रविदास ने कहा कि संविधान व लोकतंत्र ने ही आजादी के बाद बहु
जनों के लिए जीवन के तमाम क्षेत्रों में आगे बढ़ने का रास्ता खोला.लेकिन,आज मनुवादी-पूंजीवादी शक्तियां संविधान व लोकतंत्र खत्म कर रही है.
संसद का संचालन करते हुए गौतम कुमार प्रीतम ने कहा कि बहुजनों के नाम पर चलने वाली पार्टियां और बहुजन समाज के सांसद संविधान व लोकतंत्र बचाने में कारगर भूमिका नहीं निभा पा रहे हैं.ऐसी परिस्थिति में समाज की लोकतांत्रिक पहलकदमी को आगे बढ़ाने के लिए बहुजन संसद का आयोजन महत्वपूर्ण है,जरूरी है.
अध्यक्षीय भाषण में रिंकु यादव ने कहा कि संविधान व लोकतंत्र गहरे संकट में है.बहुजनों को भाजपा-आरएसएस के खिलाफ अंतिम हद तक-अधिकतम ताकत से लड़ना होगा और 2024 में केन्द्र की सत्ता से भाजपा को बेदखल करने की चुनौती कबूल करनी होगी.
पूर्व विधायक एन.के. नंदा ने कहा कि फासीवादी ताकतें देश को नीलाम कर रही हैं. हिंदू राष्ट्र बनाने के नाम पर बहुजन समाज पर मनुवादी-पूंजीवादी गुलामी थोप रही हैं.
पूर्व विधायक के.डी.यादव ने कहा कि बहुजन विरासत-पहचान और एकजुटता को बुलंद कर ही भाजपा-आरएसएस से निर्णायक मुकाबला हो सकता है.
अल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के मुख्तार अंसारी ने कहा कि पसमांदा मुसलमान बहुजन समाज के हिस्सा हैं,सामाजिक न्याय की लड़ाई के साझीदार हैं.लेकिन सामाजिक न्याय की पार्टियां पसमांदा मुसलमानों के प्रतिनिधित्व व अन्य मसलों की उपेक्षा करती है.
भाजपा-आरएसएस के सांप्रदायिक हिंसा-हमले के शिकार भी मुख्यतः पसमांदा मुसलमान ही होते हैं. सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के सुबोध यादव ने कहा कि भाजपा की राजनीति झूठ-लूट-दमन पर खड़ी है.नरेन्द्र मोदी सरकार विनाश कर रही है और विकास का झूठा प्रचार करती है.
पटना विश्वविद्यालय के छात्र नेता गौतम आनंद और आर्यन राय ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार बहुजन छात्रों-नौजवानों से शिक्षा-रोजगार छीन रही है और सांप्रदायिक उन्मादी गिरोह का सिपाही बनाने की कोशिश-साजिश कर रही है.बहुजन छात्र-नौजवानों को नई शिक्षा नीति-2020 और बेरोजगारी बढ़ाने वाली नीतियों के खिलाफ संघर्ष तेज करना होगा.
बहुजन संसद में केन्द्र सरकार द्वारा जातिवार कराने, असंवैधानिक 10 प्रतिशत EWS आरक्षण को रद्द करने, निजी क्षेत्र में आबादी के अनुपात में एससी,एसटी व ओबीसी आरक्षण लागू करने, सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट में कॉलेजियम सिस्टम खत्म कर राष्ट्रीय न्यायिक सेवा आयोग के जरिए एससी,एसटी व ओबीसी को आबादी के अनुपात में आरक्षण के साथ जजों की नियुक्ति करने, दलित मुसलमानों और ईसाईयों को एससी कैटेगरी और आदिवासी मुसलमानों को एसटी कैटेगरी में शामिल करने के साथ एससी और एसटी के आरक्षण का कोटा भी बढ़ाने, लोकसभा-राज्यसभा में पिछड़ों-अतिपिछड़ों को आबादी के अनुपात में आरक्षण देने, नई शिक्षा नीति-2020 ओर पाठ्यक्रमों में किये जा रहे बदलाव को वापस लेने, गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं को सार्वभौमिक बनाये जाने के साथ ही स्वास्थ्य के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाने, भूमिहीन बहुजनों को वास भूमि के साथ आवास के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाने, बेहिसाब मुनाफा लूटने वाले कॉरपोरेटों को मिली लूट की छूट को रोकने व उस पर टैक्स बढ़ाने, निजीकरण रोकने, चारों श्रम कोड की वापसी, महंगाई-बेरोजगारी पर लगाम लगाने, रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने, जरूरी खाद्य पदार्थों के साथ सार्वभौमिक खाद्य सुरक्षा की गारंटी करने जैसे सवालों पर आवाज बुलंद हुई।
वक्ताओं में प्रमुख किरण देव यादव ने बहुजन संसद को संबोधित करते हुए कहा कि महापुरुषों के जीवनी व्यक्तित्व कृतित्व आमजन मानस में जागरूकता प्रदान करने हेतु वृहत पैमाने पर जयंती पुण्यतिथि मनाने का बहुजनों से अपील किया। तथा बहुजन संसद में पारित प्रस्ताव को महामहिम राष्ट्रपति को भेजने का प्रस्ताव रखें।
कार्यक्रम को गणेश दत्त कुशवाहा,अभय कुमार,राजा आभीर,अखिलेश रमण,नसीब रविदास,रौशन कुमार,गौरव पासवान,अनिल कुमार सिंह,पुरुषोत्तम कुमार,राजकमल,गोपाल कृष्ण,मधुसूदन,विकास सिंह जाटव,आशीष,अनुपम,दीपक दीवान,मोनू कुमार अंबेडकर,सुधीर चन्द्र शास्त्री आदि ने संबोधित किया। अतिथियों का स्वागत पूर्व मुखिया रविन्द्र कुमार दास और धन्यवाद ज्ञापन पृथ्वी शर्मा ने किया। बहुजन संसद में सैकड़ों की भागीदारी हुई।।





